Associate Professor (HoD)
सम्प्रति यही अध्ययन अध्यापन का मञ्च है। विद्यार्थी निःसंकोच अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए इस मंच का प्रयोग कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर 7992362827 (Whatsapp) या ईमेल-dvd1309@gmail.com पर भी सम्पर्क कर सकते हैं। अतिरिक्त पाठ्यसामग्री के लिए विद्यार्थी अग्रलिखित लिंक का आश्रय ले सकते हैं-https://ranchiuniversity.academia.edu/DhananjayVasudeoDwivedi
CC 11 MA Model Question
DSE 4 Model Question
CC 13 Model Question
वेणीसंहारम् के श्लोकों का अनुवाद (1 से 15)
रघुवंशम् के श्लोकों का अनुवाद (1 से 11 तक)
किरातार्जुनीयम् के श्लोकों का अनुवाद (1 से 11 तक)
महामुनि पाणिनि
हल्सन्धि या व्यञ्जन सन्धि (लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार)
अच्सन्धि या स्वरसन्धि (लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार)
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के प्रथम अङ्क के श्लोकों (1 से 25 तक) का अनुवाद
कठोपनिषद् प्रथम अध्याय प्रथम वल्ली
श्रीमद्भगवद्गीता द्वितीय अध्याय श्लोक 54-72
श्रीमद्भगवद्गीता द्वितीय अध्याय श्लोक 39-53
आयुर्वेद से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
अभिज्ञानशाकुन्तलम् से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
किरातार्जुनीयम् और रघुवंशम् से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
रघुवंशम् का महाकाव्यत्व
राजा दिलीप का चरित्रचित्रण
रघुवंशम् के द्वितीय सर्ग का सारांश
काव्यप्रकाश से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
भारवेरर्थगौरवम्
किरातार्जुनीयम् का महाकाव्यत्व
वनेचर की उक्ति
किरातार्जुनीयम् की भाषा शैली
किरातार्जुनीयम् के प्रथम सर्ग का सारांश
वेणीसंहार से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
अनुबन्ध चतुष्टय-घ) प्रयोजन
अनुबन्ध चतुष्टय-ग) सम्बन्ध
अनुबन्ध चतुष्टय-ख) विषय
अनुबन्ध चतुष्टय-क) अधिकारी-साधनचतुष्टय
अनुबन्ध चतुष्टय-क) अधिकारी-काम्य, निषिद्ध, नित्य, नैमित्तिक, प्रायश्चित, उपासना
अनुबन्ध चतुष्टय-क) अधिकारी
अनुबन्ध चतुष्टय (भूमिका)
वाक्सूक्तम् (मन्त्र 1 से 3)
नासदीयसूक्तम् (1 से 3 मन्त्र तक)
सञ्ज्ञानसूक्तम्
इन्द्रसूक्तम् (1 से 8 मन्त्र तक)
निर्वचन के सिद्धान्त
निरुक्त के अध्ययन के उद्देश्य
निरुक्त और व्याकरण
निघण्टु और निरुक्त के व्याख्याकार (टीकाकार)
निरुक्त में षड्भाविकार
पदों का चतुर्विध विभाजन
निरुक्त की विषय वस्तु
निघण्टु एवं निरुक्त
सञ्ज्ञान सूक्त का परिचय
‘वाक्’ देवता का परिचय
नासदीय (परमात्मा) देवता का परिचय
पुरुष (विराट्) देवता का परिचय
अक्ष सूक्त का परिचय
पर्जन्य देवता का परिचय
इन्द्र देवता का परिचय
शिवसङ्कल्पसूक्त
सूर्यसूक्तम्
हिरण्यगर्भसूक्तम् एम ए
हिरण्यगर्भसूक्तम्
सवितृसूक्तम्
अग्निसूक्तम्
ज्योतिष वेदाङ्ग
छन्द वेदाङ्ग
निरुक्त वेदाङ्ग
व्याकरण वेदाङ्ग
कल्प वेदाङ्ग
शिक्षा वेदाङ्ग
कारक
पृथिवी देवता का परिचय
मनस् (शिवसंकल्प) देवता का परिचय
हिरण्यगर्भ (प्रजापति) देवता का परिचय
सूर्य देवता का परिचय
‘मरुत्’ देवता का परिचय
सवितृ (सविता) देवता का परिचय
अग्नि देवता का परिचय
भीम का चरित्र चित्रण
दुर्योधन का चरित्र चित्रण
वेणीसंहार का नामकरण
वेणीसंहार के षष्ठ अंक का सारांश
वेणीसंहार के पञ्चम अंक का सारांश
वेणीसंहार के चतुर्थ अंक का सारांश
वेणीसंहार के तृतीय अंक का सारांश
वेणीसंहार के द्वितीय अंक का सारांश
वेणीसंहार के प्रथम अंक का सारांश
वेणीसंहार और कथावस्तु
वेणीसंहार में रसनिर्धारण
नाट्यशास्त्रीय दृष्टि से वेणीसंहार की समीक्षा
वेणीसंहार का नायक
गीता के दूसरे अध्याय का सारांश
श्रीमद्भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय के आधार पर कर्मयोग
स्थितप्रज्ञ का वर्णन
गीता की विषयवस्तु
गीता का सामान्य परिचय
नचिकेता का चरित्र चित्रण
नचिकेता द्वारा याचित तीन वर
कठोपनिषद् का प्रतिपाद्य
कठोपनिषद् में विवेचित आत्मा का स्वरूप
कठोपनिषद् के प्रथम अध्याय का सारांश
उपनिषद् का अर्थ और महत्त्व
अभिज्ञानशाकुन्तलम् में प्रकृति-चित्रण
अभिज्ञानशाकुन्तलम् में रसविधान
कण्व का चरित्र-चित्रण
अनसूया एवं प्रियंवदा का चरित्र-चित्रण
शकुन्तला का चरित्र चित्रण
दुष्यन्त का चरित्र चित्रण
तत्र श्लोक चतुष्टयम्
तत्रापि च चतुर्थोऽङ्कः
तत्र रम्या शकुन्तला अथवा अभिज्ञानशाकुन्तल का वैशिष्ट्य अथवा कालिदासस्य सर्वस्वमभिज्ञानशाकुन्तलम्
नाट्य की महत्ता एवं वैशिष्ट्य अथवा काव्येषु नाटकं रम्यम्
शाकुन्तलम् का नाटकत्व अथवा नाटक के रूप में अभिज्ञानशाकुन्तलम् की समीक्षा
अभिज्ञानशाकुन्तलम् का नामकरण
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के सप्तम अङ्क का सारांश
अभिज्ञानशाकुन्तलम् की मूल कथा का स्रोत तथा मूलकथा में परिवर्तन
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के षष्ठ अङ्क का सारांश
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के पञ्चम अङ्क का सारांश
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के चतुर्थ अङ्क का सारांश
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के तृतीय अङ्क का सारांश
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के द्वितीय अङ्क का सारांश
अभिज्ञानशाकुन्तलम् के प्रथम अङ्क का सारांश
अभिज्ञानशाकुन्तलम् में अलंकार योजना
अभिज्ञानशाकुन्तलम् में कालिदास की नाट्यकला
कालिदास की भाषा और शैली (अभिज्ञानशाकुन्तलम्)
वेणीसंहार
विक्रमोर्वशीयम्
रत्नावली
मालतीमाधव
नागानन्द
प्रबोधचन्द्रोदय
मुद्राराक्षस
मृच्छकटिक
उत्तररामचरित
स्वप्नवासवदत्तम्
प्रतिमानाटक
बुद्धचरित
कुमारसम्भव
उदुम्बर
तिल
पुनर्नवा
गुडूची
निम्ब
हरिद्रा
ब्राह्मी
बिल्व
अपामार्ग
आमलकी
तुलसी
आयुर्वेद में त्रिदोष
अष्टाङ्गहृदय
आयुर्वेद के आठ अङ्ग
आयुर्वेद लघुत्रयी माधवनिदान शार्ङ्गधरसंहिता भावप्रकाश
सुश्रुतसंहिता
चरकसंहिता
आत्रेय और धन्वन्तरि की परम्परा
भारतीय भैषज विद्या की प्राचीनता
आयुर्वेद का प्रयोजन
आयुर्वेद का वेदत्व
आयुर्वेद का स्वरूप
आयुर्वेद का परिचय
रूपक अलंकार
यमक अलंकार
उपमा अलंकार
वक्रोक्ति अलंकार
श्लेष अलंकार
अनुप्रास अलंकार
अभिनवगुप्त का अभिव्यक्तिवाद
भट्टनायक का भुक्तिवाद
श्रीशंकुक का अनुमितिवाद
रससूत्रविमर्श या रसनिष्पत्ति और भट्टलोल्लट का उत्पत्तिवाद
व्याख्या-1 कठोपनिषद्
श्रेय और प्रेय का विवेचन
रसस्वरूप
व्यञ्जनावृत्ति
लक्षणावृत्ति
अभिधावृत्ति
काव्यगत शब्द और अर्थ
काव्य के भेद (काव्यप्रकाश के अनुसार)
काव्यलक्षण
काव्यहेतु
हेतु त्रय और हेतु की पञ्चरूपोपपन्नता
अनुमान के प्रकार
अनुमान प्रमाण निरूपण
षोढा (षड्विध) सन्निकर्ष
प्रत्यक्ष प्रमाण (सविकल्पक एवं निर्विकल्पक ज्ञान)
प्रमाण पदार्थ निरूपण
कारण के भेद
कारणनिरूपण
करणलक्षण
वास्तुशास्त्र का अर्थ और प्रयोजन
किरातार्जुनीयम् प्रथम सर्ग
सांख्यकारिका के अनुसार तत्त्वविवेचन
सत्कार्यवाद
सांख्याभिमत पुरुष का स्वरूप
सांख्याभिमत प्रमाण
भूखण्ड का चयन एवं भूमि परीक्षण
शोध : परिभाषा और व्याख्या
स्नातकोत्तर चतुर्थ समसत्र मुख्य पाठ्यक्रम -11 (402) पत्र के लिए आदर्श प्रश्न
स्नातक प्रतिष्ठा षष्ठ समसत्र पञ्चदश पत्र के लिए आदर्श प्रश्न
स्नातक प्रतिष्ठा षष्ठ समसत्र चतुर्दश पत्र के लिए आदर्श प्रश्न
राजधर्म- राजा, राजा के कर्तव्य और उत्तरदायित्व
ब्रह्मचारी के धर्म अथवा कर्तव्य
संस्कार
धर्म का अर्थ और परिभाषा
वेदकालीन आर्थिक संरचना
वेदकालीन राजनीति
प्रमुख उपनिषद्
उपनिषदों की दार्शनिक मीमांसा
उपनिषदों का सामान्य परिचय एवं महत्त्व
ब्राह्मण ग्रन्थों का सामान्य परिचय
अथर्ववेद का सामान्य परिचय
सामवेद का सामान्य परिचय
यजुर्वेद का सामान्य परिचय
ऋग्वेद का सामान्य परिचय और और उसकी विषय वस्तु
वेदों का कालनिर्धारण
वेदों की रक्षा
वेदों की अपौरुषेयता
वेदों का महत्त्व
वेद का स्वरूप
वेदकालीन पर्यावरण
शार्दूलविक्रीडित छन्द
शिखरिणी छन्द
मालिनी छन्द
वंशस्थ छन्द
भुजङ्गप्रयात
उपजाति छन्द
उपेन्द्रवज्रा
इन्द्रवज्रा छन्द
अनुष्टुप् छन्द
आर्या छन्द
अर्थ परिवर्तन के कारण
अर्थ परिवर्तन की दिशाएं
शब्द और अर्थ तथा उनका सम्बन्ध
भाषा की विशेषताएं
भाषा और बोली में अन्तर
भारतीय नौ निर्माण कला
प्राचीन वैमानिक कला
यातायात के प्राचीन वैज्ञानिक सिद्धान्त
भाषा की उत्पत्ति
भाषा की परिभाषा
विश्वशान्तेः स्थापनायां संस्कृतस्यावदानम्
संस्कृतसाहित्ये राष्ट्रियभावना
मोक्ष
काम
अर्थ
धर्म
पुरुषार्थ की अवधारणा
स्कन्द पुराण
अग्निपुराण
श्रीमद्भागवत पुराण
विष्णु पुराण
पद्मपुराण
ब्रह्मपुराण
पुराणों का लक्षण
पुराण की परिभाषा
महाभारत की उपजीव्यता
महाभारत का कालनिर्धारण
महाभारतकालीन समाज
रामायण की उपजीव्यता
रामायण का कालनिर्धारण
रामायणकालीन समाज और संस्कृति
रामायण का सामान्य परिचय
ज्योतिषशास्त्र और वनस्पति
करणविचार
योगविचार
नक्षत्रविचार
वारविचार
पञ्चाङ्ग तथा तिथिविचार
भास्कराचार्य द्वितीय
वृष्टिगर्भ और उसके विविध आयाम
वृष्ट्यनुमान से सम्बन्धित विविध ज्योतिषीय चक्र
आचार्य आर्यभट
आचार्य ब्रह्मगुप्त
आचार्य वराहमिहिर
ज्योतिषशास्त्र में कालविधान
शकुनस्कन्ध
प्रश्नस्कन्ध
होरास्कन्ध
पञ्चस्कन्धात्मक ज्योतिष की भूमिका एवं सिद्धान्त स्कन्ध
संहितास्कन्ध
पुराणं पञ्चलक्षणम्
ज्योतिषशास्त्र का प्रयोजन और उसकी उपयोगिता
ज्योतिष का अर्थ एवं ज्योतिषशास्त्र का वेदाङ्गत्व
विवाह संस्कार
समावर्तन संस्कार
उपनयन संस्कार
संस्कार-अर्थ एवं प्रयोजन
संन्यास आश्रम-व्युत्पत्ति एवं अर्थ, संन्यासी की आचारसंहिता
वानप्रस्थ-व्युत्पत्ति और अर्थ, स्वरूप, महत्त्व, जीवन एवं कर्तव्य
गृहस्थाश्रम-व्युत्पत्ति और अर्थ, स्वरूप और विशेषता, गृहस्थाश्रम की श्रेष्ठता, गृहस्थ के कर्तव्य, पञ्चमहायज्ञ
आश्रम व्यवस्था एवं ब्रह्मचर्य आश्रम
रामायण का साहित्यिक महत्त्व
आदिकाव्य के रूप में रामायण
महाभारत का साहित्यिक महत्त्व
महाभारत का विकासक्रम
महाभारत का सामान्य परिचय
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