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Asst. Professor (HoD)

Blog image DR. RAJESH KUMAR SINGH Shared publicly - May 3 2021 5:04PM

BA PART 3 SEMESTER 5 HOWARD TAFT


1900 ई० के पूर्व ही प्रगतिवादी आंदोलन शुरू हो चुका था थियोडर रूजवेल्ट के प्रशासन काल में यह लोकप्रिय धर्म बन गया। रूजवेल्ट अपने प्रगतिवादी सुधार कार्यों के लिए रफ रायडर (Rough Rider) कहा जाता है। श्वेत सदन (White House) से उसके विदा होने के बाद भी प्रगतिवादी आंदोलन जारी रहा। किन्तु दुर्भाग्यवश उसके उत्तराधिकारी विलियम, हावर्ड, टाफ्ट (William Howard Taft) को प्रगतिवादियों का सहयोग प्राप्त न था। 1912 ई० में प्रगतिवादी आंदोलन अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया। राजनीतिक दलों में आंदोलन के कारण संघर्ष छिड़ गया। प्रत्येक दल अपने को एक-दूसरे से अधिक प्रगतिवादी कहने लगा।
 
1908 ई० में विलियम हावर्ड टाफ्ट राष्ट्रपति बना। इसके पूर्व वह युद्ध सचिव रह चुका था। शिकागो में गणतंत्रवादी सम्मेलन ने उसे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुन लिया। चुनाव-उद्घोषणा में अन्तर्राज्यीय व्यापार को प्रोत्साहन, संरक्षण, सीमा-शुल्क का संशोधन, डाकखाना बचत आदि के बारे में कहा गया। लोकतंत्रवादियों ने डेनवर (Denver) सम्मेलन में ब्रायन (Bryan) को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुन लिया। चुनाव-उद्घोषणा में गणतंत्रवादी दल को विशेषाधिकार और निजी एकाधिकार का संगठन कहा गया। इसमें नए न्यास विरोधी विधान निगमों द्वारा राजनीतिक दलों को धन देने पर प्रतिबंध आदि के बारे में भी कहा गया। 1908 ई० के निर्वाचन में संगठित मजदूरों ने महत्वपूर्ण भाग लिया। चुनाव में टाफ्ट विजयी रहा।
 
टाफ्ट और सीमा शुल्क- राष्ट्रपति बनते ही टाफ्ट ने कांग्रेस का एक विशेष अधिवेशन बुलाया। उसने सीमा शुल्क की दर कम करने का प्रस्ताव रखा। कांग्रेस ने पाइन-आल्डरिन सीमा शुल्क (The Payne-Aldrich Tariff) पारित कर दिया। टाफ्ट ने 5 अगस्त, 1909 ई० को इस पर हस्ताक्षर कर दिया। सीमा शुल्क की दर कम की गई। एक सीमा शुल्क आयोग का भी गठन किया गया। इसका काम वैज्ञानिक ढंग से सीमा शुल्क की दर निर्धारित करना था। 1911 ई० में कनाडा के साथ एक पारस्परिक व्यापारिक संधि को गई। इसके अनुसार दोनों देशों के सीमा शुल्क में कमी की गई। पूर्वी इलाके के अनेक निर्माता इससे खुश थे क्योंकि उन्हें अपनी वस्तुओं के लिए कनाडा में विस्तृत बाजार उपलब्ध होने की संभावना थी। किन्तु, पश्चिमी इलाके के लोगों ने संधि का विरोध किया क्योंकि इससे कनाडा के अनाज और कच्चे मालों की बाढ़ आने की संभावना थी। सिनेटने संधि का अनुसमर्थन कर दिया। किन्तु, कनाडा की संसद ने इसका अनुमोदन करने से इन्कार कर दिया, क्योंकि अनेक कनाडावासियों को भय था कि सीमा शुल्क को कम करना कनाडा को संयुक्त राज्य में शामिल करने की दशा में एक कदम है।
 
थियोडर रूजवेल्ट और टाफ्ट में मतभेद-मध्य पश्चिम के प्रगतिवादी गणतंत्रवादी टापट से नाखुश थे। 1909 ई० में वे अध्यक्ष कैनन (Cannon) को हटाने में असफल रहे थे। 1910 ई० में वे पुनः इस काम में जुट गए। उनके नेता जॉर्ज डब्ल्यू० नौरिस (George W. Norris) ने इसमें महत्वपूर्ण भाग लिया। वे कैनन को कानून समिति (Rules Committee) से हटाने में सफल रहे। वह अब केवल प्रतिनिधि सदन का अध्यक्ष रह गया। अब प्रगतिवादियों को अपने मनोनुकूल विधान पारित कराने में कोई अड़चन नहीं रह गई।
 
इसी बीच बालिंजर पिंचोट (Ballinger Pinchot) विवाद के फलस्वरूप टाफ्ट ने पूर्व और सुदूर पश्चिम के अनेक लोगों की सहानुभूति खो दी। उसने रूजवेल्ट के गृह सचिव को हटाकर उसके पद पर रचर्ड बालिंजर hard Ballinger) को नियुक्त किया। बालिंजर पश्चिमी व्यापारियों के बीच बड़ा लोकप्रिय था। वह उन्हें प्राकृतिक साधनों से परिपूर्ण सार्वजनिक भूमि देना चाहता था। किन्तु, कृषि विभाग के अन्तर्गत वन सेवा का सचिव गिफोर्ड पिंचोट ऐसा नहीं चाहता था। अतः बालिंजर-पिंचोट के बीच विवाद अवश्यम्भावी हो गया। बालिंजर अलास्का के मूल्यवान कोयला क्षेत्र को मोर्गन-गुगेनहम (Morgan Guggenhein) सिंडीकेट के हाथ बेचना चाहता था। इसमें उसे राष्ट्रपति टाफ्ट का वर्चस्व प्राप्त था। इस पर पूरे देश में प्रगतिवादियों ने बड़ा शोर गुल मचाया। कांग्रेस ने इस मामले की जाँच के लिए एक समिति की नियुक्ति की। समिति ने बालिंजर के पक्ष में रिपोर्ट पेश की। टाफ्ट ने बालिंजर का पक्ष लिया और उसे संरक्षण विरोधी कहकर पदच्युत करने से इन्कार कर दिया। ऐसा करके टाफ्ट ने अपने और रूजवेल्ट के प्रगतिवादी अनुयायियों के बीच फूट उत्पन्न कर दी। ला फोलेट के समर्थकों से वह वंचित हो गया।
 
जून, 1910 ई० में रूजवेल्ट अफ्रीकी और यूरोपीय देशों के दौरे से स्वदेश लौट आया। उसे यूरोप में ही टाफ्ट की गलत नीतियों का पता लग गया था। वह उससे काफी अप्रसन्न था। उसकी गलत नीतियों से गणतंत्रवादी दल में फूट पड़ गई थी। सितम्बर, 1910 ई० को रूजवेल्ट ने ओसावाटोमी (Osawatomia) में भाषण देते हुए नई राष्ट्रीयता (New Nationalism) के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया। उसने बतलाया, "संघीय सरकार को शक्तिशाली बनाकर सामाजिक न्याय प्राप्त किया जा सकता है। कार्यपालिका को सार्वजनिक कल्याण का सेवक बनना है। जो व्यक्ति केवल सांपत्तिक अधिकारों और निजी लाभों के बारे में सोचते हैं, वे अब मानव कल्याण के बारे में भी सोचा करें। सार्वजनिक कल्याण के लिए संपत्ति ली जा सकती है।" रूजवेल्ट ने कुछ विशेष प्रस्ताव भी पेश किए। इनमें अशांकित आय और पैतृक कर, दुर्घटनाग्रस्त होने पर मजदूरों की क्षतिपूर्ति, बच्चों और महिलाओं के श्रम का विनियमन, सीमा शुल्क संशोधन, अन्तर्राज्यीय वाणिज्य आयोग और निगम कार्यालय द्वारा निगमों का विनियमन आदि प्रमुख थे। मिसीसिपी के पश्चिम के सभी राज्यों के प्रगतिवादी रूजवेल्ट को पुनः राष्ट्रपति बनाना चाहते थे। मध्य पश्चिम के प्रगतिवादी टाफ्ट को राष्ट्रपति पद से हटाना चाहते थे। 1911 ई० में उन्होंने राष्ट्रपति प्रगतिवादी गणतंत्रवादी संघ (National Progressive Republican League) का गठन किया। संघ का मुख्य उद्देश्य अगले चुनाव में ला फोलेट को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना था। किन्तु, अधिकांश प्रगतिवादी रूजवेल्ट को राष्ट्रपति बनाना चाहतेथे। गणतंत्रवादियों के शिकागो-सम्मेलन ने रूजवेल्ट को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार मनोनीत किया। लोकतंत्रवादियों के वाल्टीमोर-सम्मेलन ने वूड्रो विल्सन (Woodrow Wilson) को राष्ट्रपति का पद उम्मीदवार मनोनीत किया।


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Comments (2)
user image KRISHNA MAHTO Shared publicly - 05-05-2021 09:59:54

Faltu hai sala

user image SANTOSH KUMAR BARAIK Shared publicly - 03-05-2021 21:15:24

Thank you sir